लगभग 300 साल पहले माज़रा गाँव जोकि जींद जिले में पड़ता है | मात्तु नामक व्यक्ति को बाबा मनसाराम रांगड़ बोरी जी एक बुजर्ग के वेश में दिखे | और चलने में असमर्थ बताया और कहा की उसे पीठ पर बैठा कर गांव ले चले | मात्तु जी ने उने पीठ पर बैठा लिआ और माज़रा गांव की और चल पड़े | रास्ते में मात्तु जी को उस बुजर्ग का बोझ बढ़ता लगा जैसे उसका बोझ बढ़ रहा है थोड़ी ही दूर जा कर उनका वजन इतना हो गया की मात्तु पर आगे चला न गया और गिर गया | और उनसे बोले आप कोन है जिनका वज़न मुझसे उठाया बी न जा रहा है | तब बाबा मनसाराम जी अपने असली रूप में आये और अपना परिचय दिया की वे भागु गुरु जी के चेले और जमाल खा पीर के साथी व् साबल सिंह बोरी के धरम भाई बाबा मनसाराम रांगड़ (राजपूत) बोरी है | वे उनकी दया भावना से प्रशन्न हुए किस तरह उंन्होने बिना कुछ सोचे समझे उने अपनी पीठ पर बैठा लिआ | बाबा ने मात्तु जी से बोला तुम मेरी पूजा करो और गांव में पूजा करवाओ | में तुम्हारी सहायता करुगा तुम्हारी हर मनोकामना पूरी करुँगा | तुम जहाँ मुझे मेरे गुरु के नाम से बुलाओगे में आऊंगा जो तुममे चाहिए वो दूँगा | इस तरह मात्तु माजरा बाबा जी के भगत बन गए | उसके बाद उनका चेला मैचंद उदेपुर हुआ | मैचंद का चेला फुला राम हुआ उदेपुर हुआ | मात्तु भगत के पुत्र भग्गू जो भी बाबा मनसाराम जी का भगत हुआ उनका चेला भगत राम जी लाल उदेपुर हुआ | फुला राम उदेपुर का चेला मनसुख भगत उदेपुर हुए | भगत श्री राम जी लाल व भगत मनसुख के समय में उदेपुर में बाबा मनसाराम जी का मंदिर बनाने की कई बार कोशिस की गई लेकिन नहीं बन पाया | भगत श्री रामजीलाल व् भगत श्री मनसुख के चेले जयदीप बराड़ उदेपुर है | दोनों भगतो के देहांत के बाद उनके चेले जयदीप बराड़ को दोनों भगत सपने में आये साथ में बाबा मनसाराम भी थे | पहले दोनों भगतो रामजी लाल व् मनसुख ने गांव में बड़ के पेड़ के पास बाबा का मंदिर बनाने को कहा | बाबा मनसाराम जी ने भी बड़ के पेड़ के पास अपने लिए 5 गज जमीन मांगी जयदीप बराड़ ने हाम्मी भर ली | 3 जनवरी 2019 को उदेपुर गाँव में बड़ के पेड़ के पास मंदिर की नींव रखी गई | ठीक 3 साल बाद मंदिर बन कर तैयार हो गया मंदिर में बाबा मनसाराम रांगड़ बोरी जी की प्रतिमा के साथ साथ पीर जमाल खा बाबा बज्जू कोतवाल की प्रतिमा लगाई गई | इसके साथ साथ पीर खुदा बख्श ,पीर मीरा साहब ,पीर गुगा बलि व् भाग्गु गुरु ,गुरु रविदास ,गुरु नानक ,गुरु गोरख नाथ का स्थान भी बनाया गया है
बाबा मंसाराम रांगड़ बोरी जी का उदेपुर जींद हरियाणा मंदिर








